
तुम वक्त अलग से चुन लेना
मैं सपनों में आ जाऊँगा
बैचैन नयन के आँचल को
एक चैन छुपाकर ला दूंगा,
एक शोर शहर में ऐसा हैं,
मैं नींद चुरा ले जाता हूँ,
एक सत्य ह्रदय में मेरा भी,
मैं गीत तुम्हारे गाता हूँ,
जो बिखरा रहता रस्ते में,
बीन बीन घर लाता हूँ,
चुन अलग हटा कंकर-कांटे
बस फूल बाँट हर्षाता हूँ....
man harshit hua
ReplyDeleteह्रदय मैं रहेने वाले
ReplyDeleteह्रदय की बत्तें करते हो
गीत जो तुम गाते हो
तुम क्या जानो
किसी ओर... को छू
जाते हैं
किस तरह में छुपालो ...
ह्रदय में....
जो फूल तुम ले आते हो
कैसे बताऊँ ,...
क्या हाल हैं अब
नींद नहीं आती है
वक़्त ... तो माँगा खुदासे
की हर सुबह हर शाम हो
बस तुम्हारी पलकों तले
बस ....
आ जाओ तुम ..
इस शोर भरी
दुनिया से .............
Kaun Ho Dost Jo is Tarah Inzaar Ka Ahsaas Thame Baithe Ho,
ReplyDeleteBahut faansalon mein gujra hai wakt Imtahaan ka..
.......कैसे कहूं... कौन हूँ मैं
ReplyDeleteगुज़रा हुआ पल हूँ मैं
वो पल जो लौट कर नहीं आता'
बस एक याद बनकर
दिल मैं है समता
वो पल ...
वक़्त मैं रुका हुआ वो पल...