
ज़िंदगी एक सिगारेट सी
बनाई गयी,
खूबसूरत कलेवर में कैद की गयी,
पसंद की गयी,
बेची गयी,
खरीदी गयी,
जलाई गयी,
फिर कश दर कश राख हुयी,
फैंकी गयी कुचली गयी...बस खत्म हुयी,
एक ब्रांड नेम का कलेवर,
उसके होने का गवाह बना इधर उधर बिखरा रहा,
रास्तों पर, ठोकरों में ....
bahut khoob
ReplyDeleteबधाई हो!,ज़िंदगी की
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